Kitthe Gaiyya
There are more than 5.5 million working children in India – one in every 11 children. They are everywhere. In our cities and villages, in mines and kilns, in factories and homes, in the fields and on roads.
A child labourer sharing her dreams and reality with her mother and looking for her long due vacation.
कित्थे गंइयां - भूमिका
भूख और अपमान की ज़िंदगी जीता, कड़ी मेहनत करता, हमारे देश का बचपन | कभी फुटपाथ पर, कभी चौराहे पर तो कभी रेलवे प्लेटफार्म पर | खदानों में, खेतों में, ईंटों के भट्ठों में, फैक्टरियों में – हमारे आपके घरों में भी |
लगातार काम कर के थकी नन्ही रज्जो अपनी छुट्टियां, अपना vacation ढूंढ रही है |